हम में, तुम में फर्क रहे ना,
गहरा सब पर रंग चढ़ाओ
होश में सब ही ख़तरनाक हो,
सुद-बुद खो दो, भंग चढ़ाओ
मशीनों वाली केंचुली त्यागो,
हाड़-माँस का अंग चढ़ाओ
इक दिन भूलो अदब, सलीका,
मस्ती और हुड़दंग चढ़ाओ
हम में तुम में फर्क रहे ना,
होली का यों रंग चढ़ाओ !!
गहरा सब पर रंग चढ़ाओ
होश में सब ही ख़तरनाक हो,
सुद-बुद खो दो, भंग चढ़ाओ
मशीनों वाली केंचुली त्यागो,
हाड़-माँस का अंग चढ़ाओ
इक दिन भूलो अदब, सलीका,
मस्ती और हुड़दंग चढ़ाओ
हम में तुम में फर्क रहे ना,
होली का यों रंग चढ़ाओ !!