हर अज़ान पे आता है लबों पर जो नाम इंडिया,तेरे सदके मैं, है तुझको सलाम इंडिया |
वो ये कहते हैं के दो मुल्क बसते हैं यहाँ,
है मुकाबला सा, भारत बनाम इंडिया |
मैं कहता हूँ दो नहीं, अट्ठाईस भी नहीं,
हैं 121 करोड़ नाम, या है बेनाम इंडिया |
जो बदला जहाँ है, तो बदले हैं हम भी,
पहले था गाँधी, अब है कलाम इंडिया |
कुछ बात है मगर जो के बदली नहीं है,
के अब भी अमन का है पैग़ाम इंडिया |
एक पीढ़ी ने अपना सबकुछ लुटाकर,
दिया आज़ादी का हमें ईनाम इंडिया |
उठो अब, लो बागडोर हाथों में अपने,
आओ बनायें वतन-ए-इतमाम इंडिया |
इतमाम = perfection
- written on Aug 15, 2011