Thursday, September 22, 2011

सलाम इंडिया

हर अज़ान पे आता है लबों पर जो नाम इंडिया,
तेरे सदके मैं, है तुझको सलाम इंडिया |

वो ये कहते हैं के दो मुल्क बसते हैं यहाँ,
है मुकाबला सा, भारत बनाम इंडिया |

मैं कहता हूँ दो नहीं, अट्ठाईस भी नहीं,
हैं 121 करोड़ नाम, या है बेनाम इंडिया |

जो बदला जहाँ है, तो बदले हैं हम भी,
पहले था गाँधी, अब है कलाम इंडिया |

कुछ बात है मगर जो के बदली नहीं है,
के अब भी अमन का है पैग़ाम इंडिया |

एक पीढ़ी ने अपना सबकुछ लुटाकर,
दिया आज़ादी का हमें ईनाम इंडिया |

उठो अब, लो बागडोर हाथों में अपने,
आओ बनायें वतन-ए-इतमाम इंडिया |



इतमाम = perfection


- written on Aug 15, 2011

No comments: