लो फिर उसका ख़याल एक बरस बाद आया है
फिर आया 23 मार्च, फिर भगत सिंह याद आया है !
फिर आया 23 मार्च, फिर भगत सिंह याद आया है !
उसकी शहादत के चर्चे हर महफ़िल, हर गलियारे में हैं
इन्किलाब की बातों पे फिर क्यों नहीं इरशाद आया है ?
इन्किलाब की बातों पे फिर क्यों नहीं इरशाद आया है ?
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