Tuesday, October 24, 2006

स्वयं की तलाश

एकाकी की परछाइयों में,
मन की गहराइयों में,
जब खो जाता हूँ मैं,
स्वयं को स्वयं से दूर ही पाता हूँ मैं।


कई लोगों से मैं मिला,अनेकों को जाना।
पर कहाँ मिलाप हुआ मेरा स्वयं से,
खुद को कहाँ है पहचाना ?
परिजनों को प्यार से,परजनों को ललकार से,
भिन्न-भिन्न व्यवहार से,सारे संसार से,
जब अपना परिचय बताता हूँ मैं,
स्वयं को स्वयं से दूर ही पाता हूँ मैं।

जीवन एक युद्घ,प्रतिदिन-प्रतिपल मैं लड़ रहा हूँ।
पथ में आती हार को कर के दरकिनार
बस जीतने का प्रयास कर रहा हूँ
जीत की आशा में,हार की निराशा में,
कठिण प्रयास में,दुःख में,उल्लास में,
जब खुद को ढूंढ़ना चाहता हूँ मैं,
स्वयं को स्वयं से दूर ही पाता हूँ मैं।


जीवन की इस भाग दौड़ में,
एक दूजे से आगे बढ़ने की होड़ में,
ऐसा लगता है कहीं कुछ छूट गया है,
मेरा मन जैसे मुझसे रूठ गया है।
इस आपाधापी से जब भी कुछ क्षण
अपने लिये चुराता हूँ मैं,
स्वयं को स्वयं से दूर ही पाता हूँ मैं।

खुद को जानने की कोशिश में,
मैंने बस इतना जाना है,
जीवन का एक गूढ़ रहस्य,
शायद मैंने पहचाना है।
हार-जीत निरर्थक,यहाँ
जीत का प्रयास ही जीत का अहसास है।
ज़िंदगी है ऐसा सफ़र जिसमें,रास्ते बड़े मंज़िलों से
स्वयं को पाना महत्वपूर्ण नहीं,
महत्वपूर्ण स्वयं की तलाश है ।।

8 comments:

Udan Tashtari said...

स्वयं को पाना महत्वपूर्ण नहीं,
महत्वपूर्ण स्वयं की तलाश है ।।


--पूरी कविता का सार है इन पंक्तियों में.

अभिनव said...

धन्यवाद मित्र

शायद इसी तलाश में हम सब लगे हुए हैं ।

Anonymous said...

kya baat hai dost!! lagta hai sachmuch tumne "jeevan ka ye gudh rahasya" pehchan liya hai. aur isko itni pyari kavita me bhi dhala hai

Subhashree Rath said...

waaahh-waaahh... waaahh-waah... wahhh-waaahh

Kumar Gaurav said...

पथ में आती हार को कर के दरनिकार
बस जीतने का प्रयास कर रहा हूँ

छूते हुए निकली है , very nice blend of feelings and philosophy. Kya baat kya baat :)

Aditya said...

it is hard finding THE best line/stanza - entire piece was so good!

Anonymous said...

I think you need more of my presence!! :) ... See I have been telling u all this since ages!! Its now that its seeping in.. :)

And about the poem,very very nice! U are going right man!! M with u... :P :)

Anonymous said...

Awesome. The last paragraph is really amazing!