Sunday, July 22, 2012

बुरा जो देखन मैं चला...

गाँधी टोपी पहने नेता, तुम दोषी हो
जागरूकता की शोबाजी करते अभिनेता, तुम दोषी हो
चपरासी, बाबु, या कलेक्टर,
फौज का सिपाही, वर्दीवाला अफसर
नोट छापने वाले इंडसट्रीयलिस्ट, तुम
NGO वालों, दिखावटी फिलैंथ्रोफिस्ट, तुम
मिडिया वालों - न्यूज़ चैनल हो या पत्रकार, तुम भी
जो जंतर-मंतर से कह रहे बंद करो भ्रष्टाचार, तुम भी
तुमारा दोष है बिहारी, मद्रासी या चिंकी होना
और तुम्हारा, दिवाली में हँसना या मुहर्रम में रोना

सब के सब गलत हैं, बस जो एक सही है
वो मैं हूँ, मुझमे कोई ऐब नहीं है
और हो भी कैसे,
मैं घर में आईना जो नहीं रखता!

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