खेल नहीं रहेंगे खेल की बात,
होगा जोश, जूनून और जज़्बात
छोड़ेंगे नहीं रत्ती भर भी कसर,
Citius-Altius-Fortius को करेंगे आत्मसात
और मज़बूत, और तेज़, और ऊँचा जाएंगे
अबकी जो गए हैं, तो खाली हाथ नहीं आएंगे!
खून बस आँखों में हो, ऐसे लड़ना सिखाता है,
हार से नहीं, हार मानने से डरना सिखाता है
बस एक इंच, एक गोल, एक प्वाइंट और,
खेल, सतत लक्ष्य पे आगे बढ़ना सिखाता है
हर दिल में स्पीरिट स्पोर्ट्स का, चेहरे पे मुस्कान जगायेंगे,
अबकी जो गए हैं, तो खाली हाथ नहीं आएंगे!
अपना परचम लहराने को तैयार हम भी हैं,
पहले खेलते थे अकेले तुम, इस बार हम भी हैं,
ये देख चीयर करने को है पूरा देश उठ खड़ा,
सोने के, चांदी-कांसे के तयबदार हम भी हैं
बयासी की नहीं, सवा सौ करोड़ की टीम बनायेंगे,
अबकी जो गए हैं, तो खाली हाथ नहीं आएंगे!
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