Tuesday, October 01, 2013

अहिंसा

अहिंसा से कुछ नहीं होता
मंदिर बनाने के लिए मस्जिद का टूटना ज़रूरी है
बसों के शीशे हों या इंसानों के सर,
बातें मनवाने के लिए उनका फूटना ज़रूरी है
वो अनपढ़ भारत था बापू,
जो तुम्हारी बातों में आ गया था
आज तीन चौथाई भारत साक्षर है..
हमारे लिए, अहिंसा,
"दो गालों और एक थप्पड़" की कहानी भर है!

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